सोमवार, 6 अक्तूबर 2014

देशभक्ति





करो या न करो अपने पर देश पर एक उपकार कर दो
हमारा भारत है महान ये दुनियां को पैगाम दे दो ..!


आज और कल किसी से चैट वैट नही करना
अभी से लेकर कल तक केवल republic day विश करना ..! 



देश आजाद हुआ लेकिन हम अब भी गुलामी कर रहे है
अपनी भाषा छोड़ आज भी अंग्रेजो की भाषा पढ़ रहे है..!



मै हूँ तिरंगा तेरा शान
भारत देश हमसे है महान
कोटि-कोटि जनता का प्यारा
अमर रहे गणतंत्र तुम्हारा ..!


 साजिस है फोटो से लुभाने की तुमको कि,
हसिनाओ ने हुस्न का जाल बिछा रखा है ..!rr


दुखी हूँ मै क्यू ये रात ढल रही है ,
खुली आँखों से सहादत नही देखी जाती...!rr

दिए जब चोट तुम मरहम भी लगाओगे ,
तुमसे उम्मीद करना ये भी नादानी है...!rr


पड़ोसी देश से माँगा था दोस्ती के बदले हमने दाउद को
लेकिन उसने तो जैस-ए-मुहम्मद भेज दिए..!rr

प्रेम हो या जंग दोनों में हमने शिकस्त दी है,
फिर भी उनकी तल्खियाँ कम नही होती है..!

रविवार, 5 अक्तूबर 2014

मेरी रचनाये

हम गरीबो का इन्टरनेट अब कैसे चलेगा
कम्पनियो की मनमानी से हम पर बोझ बनेगा
१ जी बी में पहले महिना निकलता
ोगुने में अब तो स्टेटस भी न डलता
अनलिमिटेड के नाम पर चोरी जो चलता
खर्च हुए प्लान का अब पता भी न पड़ता
मन झिझक कर रह जाता जब नेट रोने लगता
कोई खास बातें करते हुए बिघ्न जो पड़ता
अपनी मजबूरी और दोस्तों से दुरी
दिल को बहुत दुखी करता बहुत दुखी करता
उंगुलियां रूकती नही रिफ्रेश करती जाती
उम्मीद एक बार फिर से चल पड़ने की धरी की धरी रह जाती
कम्पनियों की मनमानी से हम पर बोझ बनेगा
हम गरीबो का इन्टरनेट अब कैसे चलेगा ...!


 जो तेरे मेरे विचार नही मिलते
यूँ कहे तो बे-हिसाब नही मिलते
दूरियां बढ़नी तो लाज़मी ही थी
पसंद नही वही तुम बार बार करते
अब क्यू कोश्ते हो अपने आपको
तब तो समझे नही मेरे जज्बात को
तुम तो कहे थे मुझे ब्लाक कर दो
अब तुम ही कहते हो अनब्लॉक कर दो
हो नही सकता अब वही फरियाद करते
ब्लाक होने से पहले अपनी माँ को तो याद करते
जो तेरे मेर विचार नही मिलते
यूँ कहे तो बे-हिसाब नही मिलते ...!


 अंग्रेज गये अंग्रेजी छोड़ दिए मुशीबत हम पे थोप
बोले सब अंग्रजी बोल हिन्दी को गये सब भूल
हाय डिअर बाय डिअर ये बोल सबके लिए नही है फेयर
हिन्दू माई बाबु बने अंग्रेजी में मम्मी पापा
हमारा ये हिंदुस्तान कहाँ जा रहा है दाता ..?


मै नफ़रत हूँ ,प्यार भी हूँ ,
मै अपमान हूँ ,सम्मान भी हूँ
मै खुशी हूँ , गम भी हूँ
मै वाद हूँ, विवाद भी हूँ
मै तर्क हूँ, बितर्क भी हूँ
इन सभी झंझटो का एक जड़
इन्सान भी हूँ ..


लोग कहते है बड़ा मज़ा आता है चैटिंग से
निकलना घर से बंद हो गया है चैटिंग से
क्योंकि होती हैं अब तो सेटिंग चैटिंग से
दुनिया के लडके लडकियाँ बेकार हो रही है चैटिंग से
बेकार हो गया है टेलीफ़ोन चैटिंग से
बेकार हो गया है हर बात चैटिंग से
पता नहीं था क्या मतलब होता है ass का
चल गये पता सारे अर्थ चैटिंग से
बदनाम हो रहे है लोग चैटिंग से...
मानते है कुछ होती है अंग्रेजी में सुधार चैटिंग से
मैं कहती हूँ हो गई है इंगलिश खराब चैटिंग से
प्यार हो रहा है अब चैटिंग से
निकाह हो रहा है अब चैटिंग से
दुनिया बदल गया है चैटिंग से
इतना की बर्बाद हो रहा है चैटिंग से ...!



 फेसबुक पर पंक्तियाँ लिखने को लिए दिल मेरा बेकरार है
त्रुटी के लिए माफ़ कर दे तो हम आपका शुक्रगुजार है
आधुनिक दुनियां को आज फेसबुक सभी की दरकार है
इसलिए सोशल साईट का यह बना सबसे बड़ा बजार है
दुनियां में फेसबुक का अपना एक मुकाम है
पर गलत दखलंदाजी से सारे लोग बदनाम है
जहाँ नकली आईडी का भरमार है
वही अच्छे लोगों की कुछ ही कतार है
जो खामोसी में समझते अपना सम्मान है
पर मै समझती हूँ बुराई से अच्छाई की यह बड़ी हार है ...!